वर्ष 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सेठपाल सिंह ने अपने खेत में सिंघाड़ा की खेती को सफलतापूर्वक करके इस आम धारणा को चुनौती दी है कि इसकी खेती केवल तालाबों में ही की जा सकती है। सिंह ने दिखाया कि सिंघाड़ा एक समतल खेत में भी एक फुट पानी में पनप सकता है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में उनके अभिनव तरीकों ने क्षेत्र में अन्य फसलों की पैदावार को बढ़ाया है, पानी के उपयोग को कम किया है और अन्य किसानों को भी नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया है। टिकाऊ खेती के तरीकों के प्रति सिंह के समर्पण और कृषि नवाचार में उनके योगदान ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है। सेठपाल सिंह गाय आधारित प्राकृतिक खेती करते हैं और अपने साथी किसानों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं। सेठपाल सिंह को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।